Yeh Haseen Vadiyan Yeh Khula Aasman
A.R. Rahman
5:21ओ इक सूरज निकला था कुछ तारा पिघला था इक आँधी आयी थी जब दिल से आह निकली थी दिल से रे इक सूरज निकला था कुछ तारा पिघला था इक आँधी आयी थी जब दिल से आह निकली थी दिल से रे दिल से रे दिल से रे दिल से रे दिल से रे दिल से रे दिल तो आखिर दिल है ना मीठी सी मुश्किल है ना पिया पिया, पिया पिया ना पिया जिया जिया, जिया जिया ना जिया दिल से रे दिल से रे दिल से रे दिल से रे दिल से रे दिल से रे दिल तो आखिर दिल है ना मीठी सी मुश्किल है ना पिया पिया पिया पिया पिया ना पिया जिया जिया जिया ना जिया दिल से रे, ए त तरी तत त त तरी तत त त तरी तत त त तरी तत त तरी तरी तरी तत त त तरी तरी तरी तत त त स सा न नी पा नी नी मा मा रे गा मा स सा न नी पा नी नी मा मा रे गा मा तरी तरी तरी तत त त तरी तरी तरी तत त त दिन दिन ता दिन ता दिन दिन ता दिन ता दिन दिन ता दिन ता दिन दिन ता दिन ता दो पत्ते पतझड़ के, पेड़ों से उतरे थे पेड़ों की शाखों से, उतरे थे फिर उतने मौसम गुज़रे वो पत्ते दो बेचारे फिर उगने की चाहत में वो सहराओं से गुज़रे वो पत्ते दिल दिल दिल थे वो दिल थे दिल दिल थे दिल है तो फिर दर्द होगा दर्द है तो दिल भी होगा मौसम गुजरते ही रहते हैं दिल है तो फिर दर्द होगा दर्द है तो दिल भी होगा मौसम गुजरते ही रहते हैं दिल से दिल से दिल से दिल से रे दिल तो आखिर दिल है ना मीठी सी मुश्किल है ना पिया पिया पिया पिया पिया ना पिया जिया जिया जिया ना जिया दिल से रे हो ओ ओ बंधन है रिश्तों में काटों की तारें हैं पत्थर के दरवाज़े, दीवारें बेलें फिर भी उगती हैं और गुच्छे भी खिलते हैं और चलते है अफ़साने किरदार भी मिलतें हैं वो रिश्ते दिल, दिल, दिल थे वो दिल थे दिल दिल थे ग़म दिल के पद चुलबुले पानी के ये बुलबुले हैं बुझते हैं बनते रहते हैं ग़म दिल के पद चुलबुले पानी के ये बुलबुले हैं बुझते हैं बनते रहते हैं दिल से दिल से दिल से दिल से दिल से रे दिल से रे, दिल से रे दिल से रे, दिल से रे दिल से रे, दिल से रे दिल तो आखिर दिल है ना मीठी सी मुश्किल है ना पिया पिया पिया पिया पिया ना पिया जिया जिया जिया ना जिया दिल से रे दिल से रे दिल से रे दिल से रे दिल से रे दिल से रे दिल से रे दिल से रे दिल से रे हो ओ ओ