Amma Ke Baad Aapka Saya Bhi Uth Gaya (21 Ramzan Noha)
Abbas Ali Aarfi
9:29एक दुखियारी मां दे रही है सदा मेरे बच्चों का मातम करो अय आज़ादरों मैं तुमको दूंगी दुआ मेरे बच्चों का मातम करो 1 फर्श मजलिस का घर घर बिछाते रहो ग़म मेरे लाडलों का मनाते रहो दूंगी महशर के दिन तुमको इसका सिला मेरे बच्चों का मातम करो 2 मेरी ज़ैनब के दोनों सहारे गए रन में ओनो मुहम्मद भी मारे गए हो गए अपने मामू पे दोनों फ़िदा मेरे बच्चों का मातम करो 3 रौंद डाला गया रन में इब्ने हसन टुकड़े टुकड़े हुआ उसका सारा बदन जिस्म क़ासिम का मक़तल में बिखरा रहा मेरे बच्चों का मातम करो 4 सामने मेरे घर मेरा लूटा गया मेरे अकबर के सीने पे नेज़ा लगा ख़ाक पर मुंह के बल मेरा गाज़ी गिरा मेरे बच्चों का मातम करो 5 था मेरे लाल का बे ज़बाँ एक पिसर तीर मारा गया उसके हलकूम पर ख़ून मासूम असगर उगलने लगा मेरे बच्चों का मातम करो 6 असरे आशूर था ज़लज़ला उस घड़ी कांप उठी अर्ज़े कार्बोबला उस घड़ी मेरे बेटे का सर रन में जिस दम कटा मेरे बच्चों का मातम करो 7 तीन दिन भूखा प्यासा था कुनबा मेरा मेरे बच्चों की कुछ भी नहीं थी खता काट डाला गया सबका सूखा गला मेरे बच्चों का मातम करो