Durga Saptshloki Stotra
Adb Devotunes
5:03ॐ ॐ ॐ ॐ नमामी शमीशान निर्वाण रूपं विभुं वयापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाश वासं भजेऽहम् भजेऽहम् भजेऽहम् भजेऽहम् भजेऽहम् भजेऽहम् भजेऽहम् भजेऽहम् भजेऽहम् ।। निराकार मोंकार मूलं तुरीयं, गिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् करालं महाकाल कालं कृपालं गुणागार संसारपारं नतोऽहम् करालं महाकाल कालं कृपालं गुणागार संसारपारं नतोऽहम् नतोऽहम् नतोऽहम् नतोऽहम् नतोऽहम् नतोऽहम् नतोऽहम् नतोऽहम् नतोऽहम् ।। तुषाराद्रि संकाश गौरं गंभीरं, मनोभूत कोटिप्रभा श्री शरीरम् स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारुगङ्गा लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा कण्ठे भुजङ्गा कण्ठे भुजङ्गा कण्ठे भुजङ्गा कण्ठे भुजङ्गा ।। चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालं प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि भजामि भजामि भजामि भजामि भजामि भजामि भजामि भजामि ।। प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशम् त्रयःशूल निर्मूलनं शूलपाणिं भजेऽहं भवानी पतिं भावगम्यम् पतिं भावगम्यम् पतिं भावगम्यम् पतिं भावगम्यम् पतिं भावगम्यम् ।। कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी चिदानन्द संदोह मोहापहारी प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी चिदानन्द संदोह मोहापहारी प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी प्रभो मन्मथारी प्रभो मन्मथारी प्रभो मन्मथारी प्रभो मन्मथारी ।। न यावत् उमानाथ पादारविन्दं भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् न तावत् सुखं शान्ति सन्तापनाशं प्रसीद प्रभो सर्व भूताधिवासम् भूताधिवासम् भूताधिवासम् भूताधिवासम् भूताधिवासम् ।। न जानामि योगं जपं नैव पूजां नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम् जरा जन्म दुःखौद्य तातप्यमानं प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो जरा जन्म दुःखौद्य तातप्यमानं प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो नमामीशशम्भो नमामीशशम्भो नमामीशशम्भो नमामीशशम्भो ।। नमामी शमीशान निर्वाण रूपं विभुं वयापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाश वासं भजेऽहम् भजेऽहम् भजेऽहम् भजेऽहम् भजेऽहम् भजेऽहम् भजेऽहम् भजेऽहम् भजेऽहम् ।।