Shri Ram Ashtakam
Aditya Gadhavi
5:31बाल समय रवि भक्षि लियो तब तीनहुँ लोक भयो अँधियारो ताहि सों त्रास भयो जग को यह संकट काहु सों जात न टारो देवन आनि करी बिनती तब छाँड़ि दियो रबि कष्ट निवारो को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो ॥संकटमोचन नाम तिहारो॥ ॥संकटमोचन नाम तिहारो॥ को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो बालि की त्रास कपीस बसै गिरि जात महाप्रभु पंथ निहारो। चौंकि महा मुनि श्राप दियो तब चाहिये कौन बिचार बिचारो॥ कै द्विज रूप लिवाय महाप्रभु सो तुम दास के सोक निवारो। कौ नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥ ॥संकटमोचन नाम तिहारो॥ ॥संकटमोचन नाम तिहारो॥ कौ नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥ अंगद के सँग लेन गये सिय खोज कपीस यह बैन उचारो। जीवत ना बचिहौ हम सो जु बिना सुधि लाए इहाँ पगु धारो॥ हेरि थके तट सिंधु सबै तब लाय सिया-सुधि प्राण उबारो। कौ नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥ ॥संकटमोचन नाम तिहारो॥ ॥संकटमोचन नाम तिहारो॥ कौ नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥ रावन त्रास दई सिय को सब राक्षसि सों कहि सोक निवारो। ताहीं समय हनुमान महाप्रभु जाय महा रजनीचर मारो॥ चाहत सीय असोक सों आगि सु दै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो। को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥ ॥संकटमोचन नाम तिहारो॥ ॥संकटमोचन नाम तिहारो॥ को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥ बान लग्यो उर लछिमन के तब प्राण तजे सुत रावन मारो। लै गृह बैद्य सुषेन समेत तबै गिरि द्रोन सु बीर उपारो॥ आनि सजीवन हाथ दई तब लछिमन के तुम प्राण उबारो। को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥ ॥संकटमोचन नाम तिहारो॥ ॥संकटमोचन नाम तिहारो॥ को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥ रावन युद्ध अजान कियो तब नाग कि फाँस सबै सिर डारो। श्रीरघुनाथ समेत सबै दल मोह भयो यह संकट भारो। आनि खगेस तबै हनुमान जु बंधन काटि सो त्रास निवारो। को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥ ॥संकटमोचन नाम तिहारो॥ ॥संकटमोचन नाम तिहारो॥ को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥ बंधु समेत जबै अहिरावन लै रघुनाथ पाताल सिधारो। देबहिं पूजि भली बिधि सों बलि देउ सबै मिलि मंत्र बिचारो॥ जाय सहाय भयो तब ही अहिरावन सैन्य समेत सँहारो। कौ नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥ ॥संकटमोचन नाम तिहारो॥ ॥संकटमोचन नाम तिहारो॥ कौ नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥ काज कियो बड़ देवन के तुम बीर महाप्रभु देखि बिचारो। कौन सो संकट मोर गरीब को जो तुमसों नहिं जात है टारो॥ बेगि हरो हनुमान महाप्रभु जो कुछ संकट होय हमारो। को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥ ॥संकटमोचन नाम तिहारो॥ ॥संकटमोचन नाम तिहारो॥ को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥ लाल देह लाली लसे अरू धरि लाल लँगूर। बज्र देह दानव दलन जय जय जय कपि सूर॥