Sankat Mochan Hanuman Ashtak
Agam Aggarwal
6:25श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं नव कञ्ज लोचन कञ्ज मुख कर कञ्ज पद कञ्जारुणं श्री राम, श्री राम, श्री राम, श्री राम कंदर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरद सुन्दरं पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि नौमि जनक सुतावरं श्री राम, श्री राम, श्री राम, श्री राम भजु दीनबन्धु दिनेश दानव दैत्य वंश निकन्दनं रघुनन्द आनन्द कन्द कोसल चन्द दशरथ नन्दनं श्री राम, श्री राम, श्री राम, श्री राम सिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदार अङ्ग विभूषणं आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खरदूषणं श्री राम, श्री राम, श्री राम, श्री राम इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनं मम हृदय कंज निवास कुरु कामादि खलदल गंजनं श्री राम, श्री राम, श्री राम, श्री राम, श्री राम मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो श्री राम, श्री राम, श्री राम, श्री राम एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली श्री राम, श्री राम, श्री राम, श्री राम