Chain Wala Saya
Ajit Kumar
5:30ओ महबूबा! ओ महबूबा तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मक़्सूद तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मक़्सूद वो कौन सी महफ़िल है जहाँ तू नहीं मौजूद वो कौन सी महफ़िल है जहाँ तू नहीं मौजूद ओ महबूबा ओ महबूबा तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मक़्सूद तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मक़्सूद किस बात से नाराज़ हो, किस बात का है ग़म किस सोच में डूबी हो तुम, हो जायेगा संगम किस बात से नाराज़ हो, किस बात का है ग़म किस सोच में डूबी हो तुम, हो जायेगा संगम ओ महबूबा ओ महबूबा तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मक़्सूद तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मक़्सूद गुज़रूँ मैं इधर से कभी, गुज़रूँ मैं उधर से मिलता है हर इक रासता, जा कर तेरे दर से गुज़रूँ मैं इधर से कभी, गुज़रूँ मैं उधर से मिलता है हर इक रासता, जा कर तेरे दर से ओ महबूबा तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मक़्सूद तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मक़्सूद बाहों के तुझे हार मैं पहनाऊँगा इक दिन सब देखते रह जायेंगे, ले जाऊँगा इक दिन बाहों के तुझे हार मैं पहनाऊँगा इक दिन सब देखते रह जायेंगे, ले जाऊँगा इक दिन ओ महबूबा ओ महबूबा तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मक़्सूद वो कौन सी महफ़िल है जहाँ तू नहीं मौजूद ओ महबूबा ओ महबूबा तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मक़्सूद तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मक़्सूद