Khudaya Khair

Khudaya Khair

Akriti Kakkar

Альбом: Billu
Длительность: 4:41
Год: 2009
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Текст песни

रातों रात तारा कोई चाँद या सितारा कोई
गिरे तो उठा लेना, ओ सुनियों रे
तारा चमकीला होगा चाँद शर्मिला होगा
नथ में लगा लेना

रातों रात तारा कोई चाँद या सितारा कोई
गिरे तो उठा लेना, ओ सुनियों रे
तारा चमकीला होगा चाँद शर्मिला होगा
नथ में लगा लेना

ज़रा सी सावरी है वो
ज़रा सी बावरी है वो
वो सूरमे की तरह मेरी
आँखों में ही रहती है
सुबह के खवाब से उड़ाई है
पलकों के नीचे छूपाई है
मानो ना मानो तुम

सोते सोते खवाबों में भी खवाब दिखती है
मानो ना मानो तुम
परी है वो परी की कहानियाँ सुनती है
खुदा या खैर , खुदा या खैर
खुदा या खैर , खुदा या खैर

रातों रात तारा कोई चाँद या सितारा कोई
गिरे तो उठा लेना, ओ सुनियों रे
तारा चमकीला होगा चाँद शर्मिला होगा
नथ में लगा लेना

तू हवा में ज़मीन
तू जहाँ में वहीं
जब उड़े मुझे ले के क्यों उड़ती नही

तू घटा में ज़मीन
तू कहीं में कहीं
क्यों कभी मुझे ले के क्यों बरसती नही

ज़रा सा सववारा है वो
ज़रा सा बववारा है वो
वो सूरमे की तरह मेरी
आँखों में ही रहती है

सुबह के खवाब से उड़ाई है
पलकों के नीचे छुपाई है
मानो ना मानो तुम
सोते सोते खवाबों में भी खवाब दिखती है
मानो ना मानो तुम
परी है वो परी की कहानियाँ सुनती है

खुदा या खैर , खुदा या खैर
खुदा या खैर , खुदा या खैर

जब दांत में उंगली दबाए
या उंगली पे लट लिपताए
बदल यह नीचड़ता जाए, हूओ
कुछ कर के वो बात को टाले

जब माथे पे वो बल डाले
आमबर यह सुकड़ता जाए, हूओ
वो जब नाख़ून  कूतरती है
तो चंदा घटने लगता है
वो पानी पर कदम रखे
सागर भी हट जाता है

सुबह के खवाब से उड़ाई है
पलकों के नीचे छुपाई  है
मानो ना मानो तुम
सोते सोते खवाबों में भी खवाब दिखती है
मानो ना मानो तुम
परी है वो परी की कहानियाँ सुनती है

खुदा या खैर , खुदा या खैर
खुदा या खैर , खुदा या खैर