Masakali
Mohit Chauhan
4:49Amit Trivedi, Armaan Malik, Mohit Chauhan, Gaurika Rai, And Keshav Rai
कभी लड़े-लड़े से थे, कभी अड़े-अड़े से थे कभी भिड़े भिड़े से थे, बस यूँही जुड़ गये थोड़े थोड़े से मीठे हैं, थोड़े-थोड़े से खट्टे हैं अब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं अब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं अब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं अब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं अब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं यह तो मुर्गियों के चूज़े से, संग एक दूजे के इधर-उधर तितर-बितर दौड़ते फिरें यह तो होली के रंग हैं, अलग हैं पर संग हैं चेहरे पे छलके तो सब लगे एक से कहीं गालों पे लाली है, कहीं जेब खाली है फ़र्क़ इन में हैं बड़े, इन्हे फ़र्क़ ना पड़े थोड़े-थोड़े से मीठे हैं, थोड़े-थोड़े से खट्टे हैं अब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं अब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं अब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं अब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं अब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं (चट्टे-बट्टे हैं) यह जलेबियों के टुकड़े हैं, चाशनी से उभरे हैं टेढ़े-मेधे गरमा-गरम, पर मीठे भी हैं यह तो हवा के झोंके हैं, कब मुट्ठी में बंद होते हैं मर्ज़ी जिधर उधर मुँह कर सर सर बहे कहीं मम्मी की थपकी है, कहीं काँटों पे झपकी है है मंज़िलें जुड़ा, पर राह एक है थोड़े-थोड़े से मीठे हैं, थोड़े-थोड़े से खट्टे हैं अब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं अब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं अब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं अब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं अब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं (चट्टे-बट्टे हैं)