Yeh Fitoor Mera
Arijit Singh
4:44पश्मीना धागों के संग कोई आज बुने ख़्वाब ऐसे कैसे वादी में गूंजे कहीं नए साज़ ये रवाब ऐसे कैसे पश्मीना धागों के संग कलियों ने बदले अभी ये मिज़ाज एहसास ऐसे कैसे पलकों ने खोले अभी नए राज़ जज़्बात ऐसे कैसे पश्मीना धागों के संग कोई आज बुने ख़्वाब ऐसे कैसे कच्ची हवा कच्ची हवा कच्चा धुआँ घुल रहा कच्चा सा दिल लम्हें नये चुन रहा कच्ची सी धूप कच्ची डगर फिसल रही कोई खड़ा चुपके से कह रहा मैं साया बनूँ तेरे पीछे चलूँ चलता रहूँ पश्मीना धागों के संग कोई आज बुने ख़्वाब ऐसे कैसे हम्म हम्म हम्म शबनम के दो क़तरे यूँही टहल रहे शाखों पे वो मोती से खेल रहे बेफिक्र से इक दूजे में खुल रहे जब हो जुदा खयालों में मिल रहे ख्यालों में यूँ ये गुफ्तगू चलती रहे हां हां वादी में गूंजे कहीं नए साज़ ये रवाब ऐसे कैसे ऐसे कैसे ऐसे कैसे ऐसे कैसे ऐसे कैसे