Gulaabo
Vishal Dadlani
4:25सर झुका के कर सलाम है शाम शानदार आसमान से आ गिरी है शाम शानदार चक दे अँधेरा चाँद जला दे बल्ब बना के फ़िक्र ना करियो करना बी क्या है बिजली बचा के सरेआम पिला ख़ुशी के जाम शानदार आसमान से आ गिरी ये शाम शानदार जज़्बात के चिल्लर (ओ) को नोट बना के (ओ) मेहंदी रात पे खुलके लूटा चिंगारियों को (ओ) विस्फोट बना के (ओ) ऐय्याशी के तू रॉकेट छुड़ा कैसा डर तू कर गुज़र ये काम शानदार आसमान से आ गिरी ये शाम शानदार हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे ये शाम शानदार (हे) ये शाम शानदार (हे)