Hum Tumhen Chahte Hain (From "Qurbani")
Kanchan
7:17आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ वक़्त के सांचे में अपनी ज़िन्दगी को ढाल कर मुस्कुराओ मौत की आँखों में आँखे डाल कर पत्थर से शीशा टकरा के हा पत्थर से शीशा टकरा के वो कहते है दिल टूटे न उस धन की कीमत कुछ भी नहीं जिस धन को लुटेरा लुटे न पत्थर से शीशा टकरा के आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ नज़रो का इशारा धोखा था बातों का सहारा धोखा था बातों का सहारा धोखा था अब ग़म में दिल दुबे लेकिन अब ग़म में दिल दुबे लेकिन मंझधार से नाता टूटी न पत्थर से शीशा टकरा के दो आँखों के टकराने से अफसाने बनते है लेकिन अफसाने बनते है लेकिन कुछ ऐसे फ़साने है जिनका कुछ ऐसे फ़साने है जिनका काँटों से दामन छूटे न पत्थर से शीशा टकरा के बेकरारी करार हो जाये जो फ़िज़ा में बहार हो जाये जिसको कहते है प्यार का सागर जिसको कहते है प्यार का सागर डूबनेवाला पार हो जाये आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ तूफ़ान में चलते रहना है शोलो में जलाते रहना है शोलो में जलाते रहना है वो मंज़िल क्या जिस मंज़िल में हां वो मंज़िल क्या जिस मंज़िल में पैरो के छाले फूट न पत्थर से शीशा टकरा के वो कहते है दिल टूटे न