Dupatta
Anuradha Sriram
6:06इश्क़ में खो गए, असर भी नहीं मर मिटे हम, इन्हें ख़बर भी नहीं आइए, आ जाइए, आ ही जाइए आइए, आ जाइए, आ ही जाइए यूँ ना रह-रह के हमें तरसाइए हो, आइए, आ जाइए, आ ही जाइए यूँ ना रह-रह के हमें तरसाइए शोला सर्द-सर्द क्यों है? मीठा दर्द-दर्द क्यों है? पानी क्यों लगे शरारा? बताना साँसें गर्म-गर्म क्यों है? ये लब नर्म-नर्म क्यों है? छू के, छू के, मेरे यारा, बताना उलझी लटें सुलझाइए इनको सनम, ऐसे ना बिखराइए जाइए, ले जाइए, दिल ले जाइए यूँ ना रह-रह के हमें तरसाइए नि सा गा रे सा, नि सा गा रे सा नि सा गा रे सा, नि सा मा गा रे सा रे सा नि पा नि सा गा रे सा, नि सा गा रे सा नि सा गा मा पा मा पा गा मा रे गा रे सा नि पा कोई प्यास-प्यास होगी, मन में आस-आस होगी दिलबर की तलाश होगी, महबूबा आधी रात-रात होगी, सारी बात-बात होगी पल-पल पास-पास होगी महबूबा ये प्यार ना ठुकराइए जान-ए-मन, इस पल को महकाइए ऐसे ना घबराइए, ना घबराइए यूँ ना रह-रह के हमें तरसाइए हो, आइए, आ जाइए, आ ही जाइए यूँ ना रह-रह के हमें तरसाइए