Aarti Kijai Hanuman Lala Ki
Anuradha Paudwal
4:45ॐ जय शिव ओमकारा प्रभु हर शिव ओमकारा ब्रह्मा विष्णु सदाशिव ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा ॐ जय शिव ओमकारा ॐ जय शिव ओमकारा प्रभु हर शिव ओमकारा ब्रह्मा विष्णु सदाशिव ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा ॐ जय शिव ओमकारा एकानन चतुरानन पंचांनन राजे स्वामी पंचांनन राजे हंसानन गरुड़ासन हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॐ जय शिव ओमकारा दो भुज चार चतुर्भुज दश भुज ते सोहें स्वामी दश भुज ते सोहें तीनों रूप निरखता तीनों रूप निरखता त्रिभुवन मन मोहें ॐ जय शिव ओमकारा अक्षमाला वनमाला मुंडमालाधारी स्वामी मुंडमालाधारी चंदन मृदमग चंदा चंदन मृदमग चंदा भोले शुभकारी ॐ जय शिव ओमकारा श्वेताम्बर पीताम्बर बाघाम्बर अंगें स्वामी बाघाम्बर अंगें ब्रह्मादिक सनकादिक ब्रह्मादिक सनकादिक भूतादिक संगें ॐ जय शिव ओमकारा करके मधिक कमड़ंल चक्र त्रिशूलधरता स्वामी चक्र त्रिशूलधरता जगकर्ता जगहर्ता जगकर्ता जगहर्ता जग पालनकारता ॐ जय शिव ओमकारा ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका स्वामी जानत अविवेका प्रणवाक्षर के मध्ये प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका ॐ जय शिव ओमकारा त्रिगुण स्वामीजी की आरती जो कोई जन गावें स्वामी जो कोई जन गावें कहत शिवानंद स्वामी कहत शिवानंद स्वामी मन वांछित फल पावें ॐ जय शिव ओमकारा ॐ जय शिव ओमकारा प्रभु हर शिव ओमकारा ब्रह्मा विष्णु सदाशिव ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा