Kawna Devta Ke Garhal Sawarl Hau
Arrjun Pandey
3:48शहर के घर में बइठल-बइठल जब-जब खिड़की खोली हमके पुकारे पीपर-पोखरा संगियन के ऊ टोली पूछे लागे कबले अइबा,कबले राह तकाई तोहके बुलावे गंऊवा, तोहके बुलावे माई ऑफिस के ठंडा हवा में मनवा सूख गइल बा। बाग-बगइचा ताल-तलैया देखले जुग भइल बा। तर-त्यौहार में समझ ना आवे केकरा घरें जाई तोहके बुलावे गंऊवा... तोहके बुलावे माई। पिज़्ज़ा-बर्गर क़तनो खाई,मन के ठेकुआ भावेला लिट्टी-चोखा के चटकारा दिल में धुआं उठावेला शहर में धन कमाके 'अतुल', माटी गइलs भुलाई तोहके बुलावे गंऊवा,तोहके बुलावे माई....