Brahmakalasha (From "Kantara A Legend Chapter 1 - Hindi")

Brahmakalasha (From "Kantara A Legend Chapter 1 - Hindi")

B. Ajaneesh Loknath

Длительность: 5:44
Год: 2025
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Текст песни

पुकारूँ तुझको, मेरे शिवा
ना जानूँ कुछ भी तेरे सिवा
प्रेम से तुझको मैं निहार लूँ
नैनों में तुझको मैं उतार लूँ

चला मैं तेरी ओर अब
तेरे चरणों में भोर अब मैं पाऊँ
पुकारूँ तुझको, मेरे शिवा

ॐ गणानां त्वा गणपतिं हवामहे
कविं कवीनामुपमश्रवस्तमम्
ज्येष्ठराजं ब्रह्मणां ब्रह्मणस्पत
आ नः शृण्वन्नूतिभिः सीद सादनम्

पावन स्नान करके वस्त्र ओढ़े, नमन रे
गंगा के नयन में छब तुम्हारी, वदन रे

सर्वे जनहितं प्राणं स्थापिता
एक होने को हैं अब शिव-पार्वती
गाते हम, शिवा, तेरी आरती
देह शुद्धि रणेन भूयात्
मनः शान्ति रणेन भूयात्

भक्ति के पथ से अनजान है मन
कुछ भी ना जाने, नादान है मन
मन के मंदिर को मैं बुहार लूँ
देह को मेरी मैं सँवार लूँ

हृदय के खोल आज पट
बजा के संगीत अनहड़ मैं गाऊँ
पुकारूँ तुझको, मेरे शिवा

ॐ, असिताङ्ग भैरवाय, महारुरु भैरवाय
महाचण्ड भैरवाय, क्रोध भैरवाय
उन्मत्त भैरवाय, कपाल भैरवाय
भीषण भैरवाय, संहार भैरवाय
महाकाल भैरवाय, महाकाल रुद्राय नमो नमः