Fire Song (From "Kanguva") (Telugu)
Anurag Kulkarni, Deepthi Suresh, Devi Sri Prasad, And Shree Mani
3:27B Praak, Pavithra Chari, Devi Sri Prasad, And Raqueeb Alam
आदि अग्नि, अनंत अग्नि, पर्वत अग्नि, वन अग्नि काल अग्नि, पाताल अग्नि, रक्षक अग्नि, रण अग्नि आदि अग्नि, अनंत अग्नि, पर्वत अग्नि, वन अग्नि काल अग्नि, पाताल अग्नि, रक्षक अग्नि, रण अग्नि कुछ न यहाँ था मगर जो यहाँ था वो हम थे हम थे संख्या के बिन संख्या बल जो यहाँ था वो हम थे हम थे अग्नि की जो पहली लपटों से खेला हो अग्नि में ही जो फला और फूला वो हम आ कटार लेके आ तलवार लेके आ हज़ार लेके आजा आ कटार लेके आ तलवार लेके आ हज़ार लेके आजा आजा आदि अग्नि, अनंत अग्नि, पर्वत अग्नि, वन अग्नि काल अग्नि, पाताल अग्नि, रक्षक अग्नि, रण अग्नि आ आ आ आ आ आ आ आ झर-झर झर वर्षा में रंग-रंग के गुल घड़-घड़ टूटा परवत कण-कण व्याकुल पथरीला पथ देखा प्रलय जगत देखा देखा हवा का त्रिशूल युग-युग तक लड़-लड़ के जग जीते हम जन-वन-धन, रक्त से फिर सींचे हैं हम बदरा कारे कारे नदियों में अंगारे मौसम भी था बे-रहम क्रोध वाला घृत पिया आग में भी नृत्य किया हम हैं आदि-काल के ये सत्य बताए पेड़ की जो शाखा हिले झूम के जो हाथी चले पल-पल की वो कल की दिशा दिखाए कटारी पे धार पड़े भेड़िया हो भाग खड़े अग्नि-पक्षी चट्टानों पे चीखे ज़ोर से शत्रु जीभ दब उठे डर से जिगर कांप उठे ये अग्नि जो आती दिखे दूर से आ कटार लेके आ तलवार लेके आ हज़ार लेके आजा (आ आ आ) आ कटार लेके आ तलवार लेके आ हज़ार लेके आजा आजा आदि अग्नि, अनंत अग्नि, पर्वत अग्नि, वन अग्नि काल अग्नि, पाताल अग्नि, रक्षक अग्नि, रण अग्नि ओ ओ ओ ओ आ आ आ आ ओ ओ ओ ओ आ आ आजा आजा