Farebi
Chaar Diwaari
3:55रोशनी कभी तू मुझे मिलती क्यों नहीं? तब तो मेरे दिल की दिल लगी ख़फ़ा वो मुझसे रहने लगी टूटी शाम मेरी बाहों में खो गया हूं मैं गम काली राहों में आ तू मुझको ढूंढ ले कहां हूं मैं सुन्न सा पड़ा हूं मैं नाप्ता जहां हूं मैं मेरी आंखें मुड़ी सारी दिशाओ में खोजा तुझको सारी खलाओं में दिन है रात तू कहां पे छुपा है रोशनी कहां है रोशनी कहां है रोशनी दिखती नहीं मुझको क्यू मिलती नहीं आवारा मैं बैठा हूं कोई है संग नहीं जिंदगी में रंग नहीं करना तू तंग नहीं अभी तो आजा डार्लिंग मुझमें है क्या ही कमी तू है तो मार्गदर्शन है साथ-साथ फिरें तू बेबी मेरी लाइट जो करदे मेरे मन को वाइट वाइट वॉश और देदे मुझको एक सुकून की रात मैं उस समय रोना नहीं चाहता हो दिन से जहां रातें मील वहां पे हूं खड़ा हो मुझसे मिल जा हो तुमसे कारु बातें तू कहां पे है बता हो मुझसे मिल जा रोशनी कभी तू मुझे मिलती क्यों नहीं? तब तो मेरे दिल की दिल लगी ख़फ़ा वो मुझसे रहने लगी भारी शाम का पल्ला दीवारी फिर रह गया कल्ला वो वापस आया खाया हर गली धक्का माया नगरी का बच्चा आ के लफ़्दों में फँसा कैसे क्या हो साला? तू कहां पे है छुपा? वो कौन थी बला जो तू यहां से है दफा आयशा क्या गिला तूने मुझसे लगया बस काला है बचा जो तू घर भी ना आया अजा, आजा आजा बैन ए जा मेरा ख्वाजा ओह छमा कटी की रानी कुछ रसता दिखजा मुझे दिक्कतें बड़ी हैं जिनका हाल वह नहीं है सर्र पीट-पीट के हुई चोट बड़ी है मुझे पत्ती करादे अरे मलहम तो लगा दे जाने जा ओह सनम अनदेखा ना तू कर मेरी भोली सी शकल है तू थोड़ा मान जा अरे रोशनी तू अब ऐसा ना सता हो दिन से जहां रातें मील वहां पे हूं खड़ा हो मुझसे मिल जा हो तुमसे कारु बातें तू कहां पे है बता हो मुझसे मिल जा रोशनी मुझे दिखजा तू अभी अभी रोशनी मुझे दिखजा तू अभी अभी रोशनी रोशनी मुझे दिखती क्यों नहीं रोशनी रोशनी मुझे दिखती क्यों नहीं रोशनी रोशनी मुझे दिखती क्यों नहीं रोशनी