Dil-E-Nadan Tujhe
Jagjit Singh, Chitra Singh
5:00आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ ये न थी हमारी क़िस्मत, के विसाल-ए-यार होता ये न थी हमारी क़िस्मत, के विसाल-ए-यार होता अगर और जीते रहते यही इन्तिज़ार होता ये न थी हमारी क़िस्मत कहूँ किससे मैं कि क्या है, शब-ए-ग़म बुरी बला है कहूँ किससे मैं कि क्या है, शब-ए-ग़म बुरी बला है मुझे क्या बुरा था मरना, अगर एक बार होता मुझे क्या बुरा था मरना, अगर एक बार होता ये न थी हमारी क़िस्मत कोई मेरे दिल से पूछे तेरे तीर-ए-नीमकश को कोई मेरे दिल से पूछे तेरे तीर-ए-नीमकश को ये ख़लिश कहाँ से होती, जो जिगर के पार होता ये ख़लिश कहाँ से होती, जो जिगर के पार होता ये न थी हमारी क़िस्मत, के विसाल-ए-यार होता ये न थी हमारी क़िस्मत