Gulaab Tum

Gulaab Tum

Deepak Rathore Project

Альбом: Gulaab Tum
Длительность: 4:23
Год: 2024
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Текст песни

हम्म हम्म हम्म हम्म
रूठे हुए तो क्या मनालो के
पाहो में अपनी छुपा
गर प्यार हुआ तुमसे तो
तो क्या निभा लोगे
ढूंढा तुझे उन नजारों में
वो बहतीसुबह उन के कीनारों में
वो झील की शाम बाजारों में
सहार में
प्यार मेरा
रुकता नहीं
मेरी भी अब ये सुनता नहीं
काश तुम होता ही
क्या करे क्या करे
अब तो शाम
तुम
सुबह
तुम
ये आवाज
तुम लिख लिख के भरती किताबों में सूखा
गुलाब तुम
रुकते कहीं कहीं ठहरे से
इस दुनिया को प्यार बस चेहरे से
तेरी ना तो हम भी फिर बहरे से
बहरे से
करीब से जो गुजरे क्या पुकारोगे
पार करते सड़क हाथ थामो के
गर प्यार हुआ तुमसे तो
तो क्या निभा लोगे
प्यार मेरा रुकता नहीं
मेरी भी अब ये सुनता नहीं
काश तो होता यही
क्या करें क्या करे
अब तो शाम
तुम यह आवाज
तुम सुबह
तुम लिख लिख के भरती किताबों में सूखा
गुलाब तुम
हो खो जाऊ जिस में
ऐसी पहर तू
रोकू ना तुझको
फिर भी ठहर तू
जागा हूं मैं
रातों से अब
आपके इस बल में
ठहर तू
ठहर तू
ठहर तू
ठहर तू

रूठे हुए तो क्या मना लोगे
बाहों में अपनी छुपा लोगे
गर प्यार हुआ तुमसे तो
तो क्या निभा लोगे