Jai Radha Madhav
Divya Tyagi
4:31हो ओ मन में बसा कर तेरी मूर्ति उतारू मैं गिरधर तेरी आरती मन में बसा कर तेरी मूर्ति उतारू मैं गिरधर तेरी आरती करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवान भव मै फसी नव मेरी तार दो भगवान करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवान भव मै फसी नव मेरी तार दो भगवान दर्द की दवा तुम्हारे पास है जिंदगी दया की है भीख मांगती मन में बसा कर तेरी मूर्ति उतारू मैं गिरधर तेरी आरती मांगू तुझसे क्या मैं यही सोचू भगवन जिंदगी जब तेरे नाम कर दी अर्पण मांगू तुझसे क्या मैं यही सोचू भगवन जिंदगी जब तेरे नाम कर दी अर्पण सब कुछ तेरा कुछ नहीं मेरा चिंता है तुझे प्रभु संसार की मन में बसा कर तेरी मूर्ति उतारू मैं गिरधर तेरी आरती वेद तेरी महिमा गाए संत करें ध्यान नारद गुणगान करे छेड़ वीणा तान वेद तेरी महिमा गाए संत करें ध्यान नारद गुणगान करे छेड़ वीणा तान भक्त तेरे द्वार करते हैं पुकार दास नवकिशोर तेरी गाए आरती मन में बसा कर तेरी मूर्ति उतारू मैं गिरधर तेरी आरती मन में बसा कर तेरी मूर्ति उतारू मैं गिरधर तेरी आरती