Shree Hanuman Chalisa

Shree Hanuman Chalisa

Hari Om Sharan

Длительность: 10:28
Год: 1996
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Текст песни

श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारि
बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु क्लेश विकार

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर
राम दूत अतुलित बल धामा
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा

जय सिया राम जय जय सिया राम

महाबीर विक्रम बजरंगी
कुमति निवार सुमति के संगी
कंचन वरण विराज सुबेसा
कानन कुंडल कुंचित केसा
हाथ वज्र और ध्वजा विराजे
काँधे मूँज जनेऊ साजे
संकर सुवन केसरी नंदन
तेज प्रताप महा जग वंदन

जय सिया राम जय जय सिया राम

विद्यावान गुनी अति चतुर
राम काज करिबे को आतुर
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मन बसिया
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा
विकट रूप धरि लंक जलावा
भीम रूप धरि असुर सँहारे
रामचंद्र के काज सँवारे

जय सिया राम जय जय सिया राम

लाये संजीवन लखन जियाये
श्री रघुवीर हरषि उर लाये
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई
सहस बदन तुम्हरो यश गावैं
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं
संकादिक ब्रह्मादि मुनीसा
नारद सारद सहित अहीसा

जय सिया राम जय जय सिया राम

यम कुबेर दिकपाल जहाँ ते
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा
राम मिलाय राजपद दीन्हा
तुम्हरो मंत्र विभीषण माना
लंकेश्वर भए सब जग जाना
युग सहस्र योजन पर भानू
लील्यो ताहि मधुर फल जानू

जय सिया राम जय जय सिया राम

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं
दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते
राम दुआरे तुम रखवारे
होत न आज्ञा बिनु पैसारे
सब सुख लहै तुम्हारी सरना
तुम रक्षक काहू को डर ना

जय सिया राम जय जय सिया राम

आपन तेज सम्हारो आपै
तीनों लोक हाँक ते काँपै
भूत पिशाच निकट नहिं आवै
महावीर जब नाम सुनावै
नासै रोग हरै सब पीरा
जपत निरंतर हनुमंत बीरा
संकट से हनुमान छुड़ावै
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै

जय सिया राम जय जय सिया राम

सब पर राम तपस्वी राजा
तिनके काज सकल तुम साजा
और मनोरथ जो कोई लावै
सोई अमित जीवन फल पावै
चारों युग परताप तुम्हारा
है प्रसिद्ध जगत उजियारा
साधु संत के तुम रखवारे
असुर निकंदन राम दुलारे

जय सिया राम जय जय सिया राम

अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता
अस वर दीन्ह जानकी माता
राम रसायन तुम्हरे पासा
सदा रहो रघुपति के दासा
तुम्हरे भजन राम को पावै
जनम जनम के दुख बिसरावै
अंतकाल रघुवरपुर जाई
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई

जय सिया राम जय जय सिया राम

और देवता चित्त न धरई
हनुमत से ही सर्व सुख करई
संकट कटै मिटै सब पीरा
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा
जय जय जय हनुमान गोसाईं
कृपा करहु गुरु देव की नाईं
जो शत बार पाठ कर कोई
छूटहि बंदि महा सुख होई

जय सिया राम जय जय सिया राम

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा
होय सिद्धि साखी गौरीसा
तुलसीदास सदा हरि चेरा
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा
पवन तनय संकट हरन
मंगल मूर्ति रूप
राम लखन सीता सहित
हृदय बसहु सुर भूप