Yeh Garv Bhara Mastak Mera Prabhu Charan Dhool Tak Jhukne De

Yeh Garv Bhara Mastak Mera Prabhu Charan Dhool Tak Jhukne De

Hari Om Sharan

Длительность: 4:42
Год: 1984
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Текст песни

ये गर्व भरा मस्तक मेरा ये गर्व भरा मस्तक मेरा
प्रभु चरण धूल तक झुकने दे
अहंकार विकार भरे मन को निज नज़्म की माला जपने दे
ये गर्व भरा मस्तक मेरा प्रभु चरण धूल तक झुकने दे ये गर्व भरा मस्तक मेरा

मैं मन के मैल को धो ना सकाये जीवन तेरा हो ना सका
मैं मन के मैल को धो ना सकाये जीवन तेरा हो ना सका
हाँहो ना सकामैं प्रेमी हूँ इतना ना झुका
गिर भी जो पड़ूँ तो उठने दे
ये गर्व भरा मस्तक मेरा प्रभु चरण धूल तक झुकने दे ये गर्व भरा मस्तक मेरा

मैं ज्ञान की बातों में खोया और कर्महीन पढ़कर सोया
मैं ज्ञान की बातों में खोया और कर्महीन पढ़कर सोया
जब आँख खुली तो मन रोया जग सोये मुझको जगने दे
ये गर्व भरा मस्तक मेरा प्रभु चरण धूल तक झुकने दे ये गर्व भरा मस्तक मेरा

जैसा हूँ मैं खोटा या खरानिर्दोष शरण में आ तो गया
जैसा हूँ मैं खोटा या खरानिर्दोष शरण में आ तो गया
हाँआ तो गयाइक बार ये कह दे खाली जा
या प्रीत की रीत झलकने दे
ये गर्व भरा मस्तक मेरा प्रभु चरण धूल तक झुकने दे ये गर्व भरा मस्तक मेरा