Chupke Se
Sadhana Sargam, Murtuza, & Qadir
6:04चंदा रे चंदा रे कभी तो ज़मीं पर आ बैठेंगे बातें करेंगे चंदा रे चंदा रे कभी तो ज़मीं पर आ बैठेंगे बातें करेंगे चंदा रे चंदा रे कभी तो ज़मीं पर आ बैठेंगे बातें करेंगे तुझको आते इधर लाज आये अगर ओढ़ के आजा तू बादल घने चंदा रे चंदा रे कभी तो ज़मीं पर आ बैठेंगे बातें करेंगे तुझको आते इधर लाज आये अगर ओढ़ के आजा तू बादल घने गुलशन गुलशन वादी वादी बहती है रेशम जैसी हवा गुलशन गुलशन वादी वादी बहती है रेशम जैसी हवा जंगल जंगल पर्वत पर्वत हैं नींद में सब इक मेरे सिवा चंदा चंदा आजा सपनों की नीली नदिया में नहायें आजा ये तारे चुनके हम घार बनाएँ इन धुँधली धुँधली राहों में आ दोनों ही खो जाएं चंदा रे चंदा रे कभी तो ज़मीं पर आ बैठेंगे बातें करेंगे तुझको आते इधर लाज आये अगर ओढ़ के आजा तू बादल घने चंदा से पूछेंगे हम सारे सवाल निराले झरने क्यों गाते हैं पंछी क्यों मतवाले क्यों है सावन महीना घटाओं का चंदा से पूछेंगे हम सारे सवाल निराले चंदा चंदा तितली के पर क्यों इतने रंगीं होते हैं जुगनू रातों में जागे तो कब सोते हैं इन धुँधली धुँधली राहों में आ दोनों ही खो जाएं आ आ आ आ आ आ ओ ओ ओ ओ आ आ चंदा रे चंदा रे कभी तो ज़मीं पर आ बैठेंगे बातें करेंगे तुझको आते इधर लाज आये अगर ओढ़ के आजा तू बादल घने