Mangalmurti Maruti Nandan
Hariharan
6:41आरती कीजै हनुमान लला की आरती कीजै हनुमान लला की आरती कीजै हनुमान लला की आरती कीजै हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की आरती कीजै हनुमान लला की आरती कीजै हनुमान लला की जाके बल से गिरिवर कांपे रोग दोष जाके निकट न झांके अनजानी पुत्र महाबलदायी संतान के प्रभु सदा सुहाई आरती कीजै हनुमान लला की आरती कीजै हनुमान लला की दे बीरा रघुनाथ पठाए लंका जारी सिया सुध लाए लंका सो कोट समुद्र सी खाई जात पवनसुत बार न लाई लंका जारी असुर संहारे सियारामजी के काज संवारे आरती कीजै हनुमान लला की आरती कीजै हनुमान लला की लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे आणि संजीवन प्राण उबारे पैठी पताल तोरि जम कारे अहिरावण की भुजा उखाड़े बाएं भुजा असुरदल मारे दाहिने भुजा संतजन तारे आरती कीजै हनुमान लला की आरती कीजै हनुमान लला की सुर नर मुनि जन आरती उतारे जय जय जय हनुमान उचारे कंचन थार कपूर लौ छाई आरती करत अंजना माई जो हनुमान जी की आरती गावै बसी बैकुंठ परमपद पावै आरती कीजै हनुमान लला की आरती कीजै हनुमान लला की आरती कीजै हनुमान लला की आरती कीजै हनुमान लला की