Rahi Tu Ruk Mat Jana

Rahi Tu Ruk Mat Jana

Hemant Kumar

Длительность: 3:02
Год: 1962
Скачать MP3

Текст песни

राही तू मत रुक जाना
राही तू मत रुक जाना
तूफ़ां से मत घबराना
कभी तो मिलेगी तेरी मंज़िल
कहीं दूर गगन की छाओं में
राही तू मत रुक जाना

माना कि गहरी है धारा
पर है कहीं तो किनारा
तू भी मिला आशा के सुर में
मन का ये एकतारा
तू भी मिला आशा के सुर में
मन का ये एकतारा
कभी तो मिलेगी तेरी मंज़िल
कहीं दूर गगन की छाओं में
राही तू मत रुक जाना

सबका है वो ऊपरवाला
सबको उसी ने सम्भाला
जब भी घिरे ग़म का अंधेरा
उसने किया उजियाला
जब भी घिरे ग़म का अंधेरा
उसने किया उजियाला
कभी तो मिलेगी तेरी मंज़िल
कहीं दूर गगन की छाओं में
राही तू मत रुक जाना
तूफ़ां से मत घबराना
कभी तो मिलेगी तेरी मंज़िल
कहीं दूर गगन की छाओं में
कहीं दूर कहीं दूर कहीं दूर