Mohan Aao To Sahi
Indresh Upadhyay
6:33मीराबाई कहती हैं इनके बिन मोहि सलना परत है जानत मेरी छाती इनके बिन मोहि कल न परत है जानत मेरी छाती ऊँचे चढ़ चढ़ पत्निहार ऊँचे चढ़ चढ़ पत्निहार रोए रोए अखियाँ प्यासी गिरिधर जनम जनम का साथी गिरिधर जनम जनम का साथी गिरिधर जनम जनम का साथी गिरिधर जनम जनम का साथी ओ याएं नाइ बिसरूं दिन राती ओ याएं नाइ बिसरूं ए दिन राती ओ याएं नाइ बिसरूं ए दिन राती ओ याएं नाइ बिसरूं ए दिन राती ओ गिरधर जनम जनम का साथी ओ गिरधर जनम जनम का साथी ओ गिरधर जनम जनम का साथी गिरधर जनम जनम रा साथी और क्या कहतीं मीराबाई यह संसार सकल जग झूठा झूठा कुल राग न्याता यह संसार सकल जग झूठा झूठा कुल राग न्याता यह संसार सकल जग झूठा झूठा कुल राग न्याता यह संसार सकल जग झूठा झूठा कुल राग न्याता मीरा के प्रभु गिरिधर नागर मीरा के प्रभु गिरिधर नागर मीरा के प्रभु नटवर नागर मीरा के प्रभु गिरिधर नागर हरी चरना चित राखि गिरधर जनम जनम रा साथी गिरधर जनम जनम का साथी हो गिरधर जनम जनम रा साथी गिरधर जनम जनम रा साती हो ओ याएं नाइ बिसरूं दिन राती याएं नाइ बिसरूं ए दिन राती हो ओ याएं नाइ बिसरूं मैं दिन राती हो ओ याएं नाइ बिसरूं मैं दिन राती हो गिरधर जनम जनम रा साथी गिरधर जनम जनम रा साथी गिरधर जनम जनम रा साथी गिरधर जनम जनम रा साथी