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J Trix - Khayaal | Скачать MP3 бесплатно
Khayaal

Khayaal

J Trix

Альбом: Khayaal
Длительность: 3:11
Год: 2022
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Текст песни

ख्यालो में मैं
डूबा मुझको होश नई
जमाना ऐसा इसमे मेरा दोष नई
ज़बान पे लेके फूल
रखहे हाथ मे काटें
है तभी अपने
ज़्यादा इधर दोस्त नही
ख्यालो में मैं
डूबा मुझको होश नई
जमाना ऐसा इसमे मेरा दोष नई
ज़बान पे लेके फूल
रखहे हाथ मे काटें
है तभी अपने
ज़्यादा इधर दोस्त नही
12 बजे रात के मैं
बातें करता खुद से
आधी ज़िंदगी निकल
गयी और आधी गुप्त हैं
दूर वाले साथ कितने
पास वाले छ्होट गये
खरीद लेते थे
दुनिया जिससे एब्ब बस वू
छूटे
यह जो वक़्त हैं ना
बदल देता सब कुछ
कोई झूम के नाचे बारिश
में तो किसी के लिए बस दुख
ये धुन भी कहती मुझसे
कुछ तो तुझे कुछ और
तू समझेगा तो बोहोत यहा
पर समझेगा नई सब कुछ
क्यूकी हालत अलग
इंसान और जज़्बात अलग,
बुनियाद अलग ख्वाब और फरियाद अलग,
हम करे अगर काम वही वो
फिर भी रहेगा बोहोट अलग
किसी के लिए तू सही
किसी के लिए मैं ग़लत
पैर ज़मीन पे रखके
देखे आसमान के ख्वाब
क्यूकी उड़ने से ज़्यादा
ग्रो करने का हैं शौख
ये चाहते हिस्से
हम चाहते बढ़े पूरा लॉट
ये बनते किससे, हम
कहानी बनके जाएँगे लौट
अमर सीन में
लायल्टी हैं गीन में
रायल्टी ख्वाहिशों में
दिस्लोयाल्टीएस ना ड्रीम्स में
रायल्टीस हैं स्ट्रीम्स में
क्वालिटी पे यकीन हैं
चाहते मिले रियल लोग ना
ना लॉयर्स दिखे बीच में
पर यकीन पे बैईमानी पड़ती भारी
ज़बान हो गयी सस्ती, करती नोट की सवारी
जवान हो गयी बस्ती
तो शहेर को चलती गाड़ी
परिवार रह गया पिच्चे
तो एब्ब आनी किसकी बारी
ख़यलून में मैं
डूबा मुझको होश नई
ज़मन्ना ऐसा इसमे मेरा दोष नई
ज़बान पे लेके फूल
रखहे हाथ मे काटें
है तभी अपने
ज़्यादा इधर दोस्त नही
ख़यलून में मैं
डूबा मुझको होश नई
ज़मन्ना ऐसा इसमे मेरा दोष नई
ज़बान पे लेके फूल
रखहे हाथ मे काटें
है तभी अपने
ज़्यादा इधर दोस्त नही
ग़लती इतनी की की ग़लटियूं की एब्ब गिनती नई
अफ़सोस भोथ भारी दिल ये उमीद थी नई
सम्टाइम्ज़ ई लेट मी पीपल डाउन
बुत उनको भी ना हैं खबर
यह ग़लतियाँ मेरे साथ जाएँगी कबार
इंसान सब हैं, हैं कमी सबके अंदर
बाहर से दिखते टफ, है नामी सबके अंदर
अगर दिल ना खुश तो बॅंक
अमाउंट है लगता बस एक नंबर
एक झूठ बनाएँगे सच
फिर एक से बनते चार
फिर झूठा रहेगा तू
और झूठे तेरे यार
बुराई जो एक दिखी तो
फिर आछाईयाँ सब बेकार
फिर घाव पड़ते ऐसे जो ना दे सके औज़ार
कभी हम तौफा लेके
बैठे खुशी के इंतेज़ार में
तराशे ना तो
क्या पहचान बने हीरे की
दिल हैं नाज़ूक, तभी
ज़रूरत हुमको सीने की
कल की सोच्च मे करे आज क्यू बर्बाद
हम सारे खुशनसीब
बस ज़रूरत हुमको जीने की
ख़यलून में मैं
डूबा मुझको होश नई
ज़मन्ना ऐसा इसमे मेरा दोष नई
ज़बान पे लेके फूल
रखहे हाथ मे काटें
है तभी अपने
ज़्यादा इधर दोस्त नही