Sharaab
J Trix
3:08ख्यालो में मैं डूबा मुझको होश नई जमाना ऐसा इसमे मेरा दोष नई ज़बान पे लेके फूल रखहे हाथ मे काटें है तभी अपने ज़्यादा इधर दोस्त नही ख्यालो में मैं डूबा मुझको होश नई जमाना ऐसा इसमे मेरा दोष नई ज़बान पे लेके फूल रखहे हाथ मे काटें है तभी अपने ज़्यादा इधर दोस्त नही 12 बजे रात के मैं बातें करता खुद से आधी ज़िंदगी निकल गयी और आधी गुप्त हैं दूर वाले साथ कितने पास वाले छ्होट गये खरीद लेते थे दुनिया जिससे एब्ब बस वू छूटे यह जो वक़्त हैं ना बदल देता सब कुछ कोई झूम के नाचे बारिश में तो किसी के लिए बस दुख ये धुन भी कहती मुझसे कुछ तो तुझे कुछ और तू समझेगा तो बोहोत यहा पर समझेगा नई सब कुछ क्यूकी हालत अलग इंसान और जज़्बात अलग, बुनियाद अलग ख्वाब और फरियाद अलग, हम करे अगर काम वही वो फिर भी रहेगा बोहोट अलग किसी के लिए तू सही किसी के लिए मैं ग़लत पैर ज़मीन पे रखके देखे आसमान के ख्वाब क्यूकी उड़ने से ज़्यादा ग्रो करने का हैं शौख ये चाहते हिस्से हम चाहते बढ़े पूरा लॉट ये बनते किससे, हम कहानी बनके जाएँगे लौट अमर सीन में लायल्टी हैं गीन में रायल्टी ख्वाहिशों में दिस्लोयाल्टीएस ना ड्रीम्स में रायल्टीस हैं स्ट्रीम्स में क्वालिटी पे यकीन हैं चाहते मिले रियल लोग ना ना लॉयर्स दिखे बीच में पर यकीन पे बैईमानी पड़ती भारी ज़बान हो गयी सस्ती, करती नोट की सवारी जवान हो गयी बस्ती तो शहेर को चलती गाड़ी परिवार रह गया पिच्चे तो एब्ब आनी किसकी बारी ख़यलून में मैं डूबा मुझको होश नई ज़मन्ना ऐसा इसमे मेरा दोष नई ज़बान पे लेके फूल रखहे हाथ मे काटें है तभी अपने ज़्यादा इधर दोस्त नही ख़यलून में मैं डूबा मुझको होश नई ज़मन्ना ऐसा इसमे मेरा दोष नई ज़बान पे लेके फूल रखहे हाथ मे काटें है तभी अपने ज़्यादा इधर दोस्त नही ग़लती इतनी की की ग़लटियूं की एब्ब गिनती नई अफ़सोस भोथ भारी दिल ये उमीद थी नई सम्टाइम्ज़ ई लेट मी पीपल डाउन बुत उनको भी ना हैं खबर यह ग़लतियाँ मेरे साथ जाएँगी कबार इंसान सब हैं, हैं कमी सबके अंदर बाहर से दिखते टफ, है नामी सबके अंदर अगर दिल ना खुश तो बॅंक अमाउंट है लगता बस एक नंबर एक झूठ बनाएँगे सच फिर एक से बनते चार फिर झूठा रहेगा तू और झूठे तेरे यार बुराई जो एक दिखी तो फिर आछाईयाँ सब बेकार फिर घाव पड़ते ऐसे जो ना दे सके औज़ार कभी हम तौफा लेके बैठे खुशी के इंतेज़ार में तराशे ना तो क्या पहचान बने हीरे की दिल हैं नाज़ूक, तभी ज़रूरत हुमको सीने की कल की सोच्च मे करे आज क्यू बर्बाद हम सारे खुशनसीब बस ज़रूरत हुमको जीने की ख़यलून में मैं डूबा मुझको होश नई ज़मन्ना ऐसा इसमे मेरा दोष नई ज़बान पे लेके फूल रखहे हाथ मे काटें है तभी अपने ज़्यादा इधर दोस्त नही