Krishna Parth

Krishna Parth

Jagirdar Rv

Альбом: Krishna Parth
Длительность: 3:12
Год: 2024
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Текст песни

युद्ध ज़रूरी आज पार्थ
अब धर्म परीक्षा देनी है
चाहे सामने तेरे अपने है
पर रक्त की नदिया बहनी है
कायर उतना ही पापी है
जितने दोषी दुश्मन कौरव
जो रण में रथ से उतर गये
अन्याय को समझेंगे गौरव
तुझे धर्म के ख़ातिर लड़ना है
तुझे धर्म के ख़ातिर भिड़ना है
अन्याय की चोटी ऊँची है
पर तुझे शीर्ष पे चढ़ना है
चल अर्जुन अब चल अर्जुन
तू बाण चला तू बाण चला
अधर्म पे धर्म की विजय सदा
आज रण में तू दुनिया को बता
चल अर्जुन अब चल अर्जुन
तू बाण चला तू बाण चला
अधर्म पे धर्म की विजय सदा
आज रण में तू दुनिया को बता
अपमान किया पांचाली का
अपमान तुम्हारी पत्नी का
क्या दृष्टि तुमने खो दी है
दिखता ना चेहरा अधर्मी का
क्या भूले द्रौपदी आहत को
दुशासन के दुःसाहस को
तुम्हें पाँच गाँव भी दिये नहीं
संपूर्ण राज्य आधिकारक को
इतिहास तुझे अब घड़ना है
तू शौर्य रक्त का झरना है
अन्याय की चोटी ऊँची है
पर तुझे शीष पे चढ़ना है
चल अर्जुन अब चल अर्जुन
तू बाण चला तू बाण चला
अधर्म पे धर्म की विजय सदा
आज रण में तू दुनिया को बता
चल अर्जुन अब चल अर्जुन
तू बाण चला तू बाण चला
अधर्म पे धर्म की विजय सदा
आज रण में तू दुनिया को बता
अर्जुन ओ पार्थ तुम सुनो मेरी बात
जो सामने खड़े है सबने करी है घात
देनी रण में उन्हें मात,तुम करो शुरुआत
तुम उठाओ घनुष,बाण की करो बरसात
चाहे गुरु द्रोण,पिता भीष्म
या फिर भाई खड़ा
लड़ना है तुम्हें ये
कर्म पार्थ सबसे बड़ा
आंसू को पुछू मीठी
बातो का आधार नहीं
स्वाभिमान से समझौता करना
कभी भी स्वीकार नहीं
उठ पार्थ, भर रण की हुंकार
तो उठ पार्थ ,कर शत्रु पे प्रहार
तो उठ पार्थ ,दे शत्रु को मात
तो उठ पार्थ,आज रच इतिहास
उठा धनुष और बाण सजा
शत्रु का सीना चीर दे तू
अर्जुन तू शिक्षा भूल नहीं
रण लड़ने वाला वीर है तू
चल अर्जुन अब चल अर्जुन
तू बाण चला तू बाण चला
अधर्म पे धर्म की विजय सदा
आज रण में तू दुनिया को बता
चल अर्जुन अब चल अर्जुन
तू बाण चला तू बाण चला
अधर्म पे धर्म की विजय सदा
आज रण में तू दुनिया को बता