Aap Ke Dekh Kar Dekhta Rah Gaya Mukhda
Jagjit Singh
अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें हम उनके लिए ज़िंदगानी लुटा दें हर एक मोड़ पर हम ग़मों को सज़ा दें हर एक मोड़ पर हम ग़मों को सज़ा दें चलो ज़िंदगी को मोहब्बत बना दें हर एक मोड़ पर हम ग़मों को सज़ा दें अगर ख़ुद को भूले तो, कुछ भी न भूले अगर ख़ुद को भूले तो, कुछ भी न भूले कि चाहत में उनकी, ख़ुदा को भुला दें अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें कभी ग़म की आँधी, जिन्हें छू न पाए कभी ग़म की आँधी, जिन्हें छू न पाए वफ़ाओं के हम, वो नशेमन बना दें हर एक मोड़ पर हम ग़मों को सज़ा दें क़यामत के दीवाने कहते हैं हमसे क़यामत के दीवाने कहते हैं हमसे शलो उनके चहरे से पर्दा हटा दें अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें सज़ा दें, सिला दें, बना दें, मिटा दें सज़ा दें, सिला दें, बना दें, मिटा दें मगर वो कोई फ़ैसला तो सुना दें हर एक मोड़ पर हम ग़मों को सज़ा दें चलो ज़िंदगी को मोहब्बत बना दें अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें हम उनके लिए ज़िंदगानी लुटा दें चलो ज़िंदगी को मोहब्बत बना दें अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें चलो ज़िंदगी को मोहब्बत बना दें अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें