Tere Aane Ki Jab Khabar Mehke
Jagjit Singh
6:20शाम से आँख में नमी सी है शाम से आँख में नमी सी है आज फिर आपकी कमी सी है शाम से आँख में नमी सी है दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है आज फिर आपकी कमी सी है वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर इसकी आदत भी आदमी सी है इसकी आदत भी आदमी सी है आज फिर आपकी कमी सी है कोई रिश्ता नहीं रहा फिर भी कोई रिश्ता नहीं रहा फिर भी एक तसलीम लाज़मी सी है एक तसलीम लाज़मी सी है शाम से आँख में नमी सी है आज फिर आपकी कमी सी है