Woh Khat Ke Purze Udaa Raha Tha
Jagjit Singh
5:11जीते रहने की सज़ा दे, ज़िंदगी, ऐ ज़िंदगी जीते रहने की सज़ा दे, ज़िंदगी, ऐ ज़िंदगी अब तो मरने की दुआ दे, ज़िंदगी, ऐ ज़िंदगी जीते रहने की सज़ा दे, ज़िंदगी, ऐ ज़िंदगी मैं तो अब उकता गया हूँ, क्या यही है क़ायनात? मैं तो अब उकता गया हूँ, क्या यही है क़ायनात? बस ये आईना हटा दे, ज़िंदगी, ऐ ज़िंदगी अब तो मरने की दुआ दे, ज़िंदगी, ऐ ज़िंदगी जीते रहने की सज़ा दे, ज़िंदगी, ऐ ज़िंदगी ढूँढने निकला था तुझको और ख़ुद को खो दिया ढूँढने निकला था तुझको और ख़ुद को खो दिया तू ही अब मेरा पता दे, ज़िंदगी, ऐ ज़िंदगी या मुझे एहसास की इस क़ैद से कर दे रिहा या मुझे एहसास की इस क़ैद से कर दे रिहा वर्ना दीवाना बना दे, ज़िंदगी, ऐ ज़िंदगी अब तो मरने की दुआ दे, ज़िंदगी, ऐ ज़िंदगी जीते रहने की सज़ा दे, ज़िंदगी, ऐ ज़िंदगी ज़िंदगी, ऐ ज़िंदगी ज़िंदगी, ऐ ज़िंदगी