Labon Ko
K.K.
5:42दर्द मे बीते लम्हे दर्द मे बीते लम्हे दर्द मे भी ये लब मुस्कुरा जाते है बीते लम्हे हमे जब भी याद आते है दर्द मे भी ये लब मुस्कुरा जाते है बीते लम्हे हमे जब भी याद आते है चंद लम्हत के वास्ते ही सही मुस्कुरा कर मिली थी मूज़े ज़िंदगी चंद लम्हत के वास्ते ही सही मुस्कुरा कर मिली थी मूज़े ज़िंदगी तेरे आगोश मे दिन थे मेरे कटे तेरी बाहों मे थी मेरी राते कटी वोऊ वोऊ वोऊ वोऊ आज भी जब वो पल मुजको याद आते है दिल से सारे गमो को भुला जाते है दर्द मे भी ये लब मुस्कुरा जाते है बीते लम्हे हमे जब भी याद आते है किस कदर तेज़ रफ़्तार थी ज़िंदगी कह कहे हर तरफ थी खुशी ही खुशी किस कदर तेज़ रफ़्तार थी ज़िंदगी कह कहे हर तरफ थी खुशी ही खुशी मैने जिस दिन कही प्यार की बात थी रुक गयी थी अचानक वो बहेती नदी वोऊ वोऊ वोऊ वोऊ आज भी जब वो दिन मुजको याद आते है गुज़रे लम्हे ज़हन मे उभर आते है दर्द मे भी ये लब मुस्कुरा जाते है बीते लम्हे हमे जब भी याद आते है मेरे कांधे पे सिर को ज़ुकाना तेरा मेरे सीने मे खुद को छुपाना तेरा मेरे कांधे पे सिर को ज़ुकाना तेरा मेरे सीने मे खुद को छुपाना तेरा आके मेरी पनाहो मे शाम-ओ-सहर काँच की तरह वो टूट जाना तेरा वोऊ वोऊ वोऊ वोऊ आज भी जब वो मंज़र नज़र आते है दिल की विरानियों को मिटा जाते है दर्द मे भी ये लब मुस्कुरा जाते है बीते लम्हे हमे जब भी याद आते है दर्द मे बीते लम्हे दर्द मे बीते लम्हे