Soniye
K.K.
4:57वो ओह ओह वो ओह ओह वो ओह ओह क्यों आजकल नींद कम ख़्वाब ज़्यादा है लगता ख़ुदा का कोई नेक इरादा है कल था फ़क़ीर आज दिल शहजादा है लगता ख़ुदा का कोई नेक इरादा है क्या मुझे प्यार है कैसा खुमार है क्या मुझे प्यार है कैसा खुमार है वो ओह ओह वो ओह ओह वो ओह ओह सी खामियां सी खामियां सी खामियां पत्थर के इन रस्तों पे (रस्तों पे) फूलों की एक चादर है जब से मिले हो हमको बदला हर एक मंज़र है देखो जहां में नीले नीले आसमां तले रंग नए नए हैं जैसे घुलते हुए सोए से ख़्वाब मेरे जागे तेरे वास्ते तेरे ख़यालों से है भीगे मेरे रास्ते क्या मुझे प्यार है कैसा खुमार है क्या मुझे प्यार है कैसा खुमार है वो ओह ओह वो ओह ओह वो ओह ओह सी खामियां सी खामियां सी खामियां तुम क्यों चले आते हो हर रोज़ इन ख़्वाबों में चुपके से आ भी जाओ एक दिन मेरी बाहों में तेरे ही सपने अंधेरों में उजालों में कोई नशा है तेरे आँखों के प्यालों में तू मेरे ख़्वाबों में जवाबों में सवालों में हर दिन चुरा तुम्हें मैं लाता हूँ ख्यालों में क्या मुझे प्यार है कैसा खुमार है क्या मुझे प्यार है कैसा खुमार है वो ओह ओह वो ओह ओह वो ओह ओह