Piyu Bole
Sonu Nigam
4:26रतिया कारी कारी रतिया रतिया अंधियारी रतिया रात हमारी तो चाँद की सहेली है कितने दिनों के बाद आई वो अकेली है चुप्पी की बिरहा है झींगुर का बाजे साथ रात हमारी तो चांद की सहेली है कितने दिनो के बाद आई वो अकेली है समझा के बाती भी कोई बुझा दे आज अंधेरे से जी भर के करनी है बातें आज अँधेरा रूठा है अँधेरा बैठा है गुमसुम सा कोने में बैठा है रात हमारी तो चांद की सहेली है कितने दिनों के बाद आई वो अकेली है समझा के बाती भी कोई बुझा दे आज अंधेरे से जी भर के करनी है बातें आज अंधेरा पागल है कितना घनेरा है चुभता है डसता है फिर भी वो मेरा है अंधेरा पागल है कितना घनेरा है चुभता है डसता है फिर भी वो मेरा है उसकी ही गोदी में सर रख के सोना है उसकी ही बाहों में चुपके से रोना है आँखों से काजल बन बहता अंधेरा आज रात हमारी तो चांद की सहेली है कितने दिनों के बाद आई वो अकेली है समझा के बाती भी कोई बुझा दे आज अंधेरे से जी भर के करनी है बातें आज अँधेरा रूठा है अँधेरा बैठा है गुमसुम सा कोने में बैठा है