Teri Deewani
Kailash Kher
5:24कैसी है यह उदासी छ्चाई मेरे दिल कैसी गहरी है यह तन्हाई मेरे दिल राहों में यादों की खामोशी बरसे आँखों में जो घूम है आँसू को तरसे यह बता यह क्यूँ हुवा बुझ गया क्यूँ हर दिया कैसी है यह उदासी छ्चाई मेरे दिल हो जो भी मिला वो खो गया तुझको पता है, ऐसा ही सदा होता है जाना ही था वो जो गया दिल तू अकेला ऐसे क्यूँ भला रोता है भूले जो है तुझको एब्ब उनको भूल जा तू भी वरना मेरे साथ यादों के जख्म खा तू भी मान जा आई दिल मेरे, भूल जा शिकवे गीले कैसी है यह उदासी छ्चाई हो तू ही बता आई दिल मेरे मैने तो हमेशा तेरा ही कहा माना है क्यूँ है मुझे यह घूम घेरे मुझे उम्र्र भर क्या बस यहीं सज़ा पाना है सपने बोए मैने और दर्द मैने है काँटे गाए गीत मैने और पाए मैने सन्नाटे आरजू ना कम है, सुनी सी हर शाम है कैसी है यह उदासी छ्चाई मेरे दिल कैसी गहरी है यह तन्हाई.