Kaisi Hai Ye Udaasi

Kaisi Hai Ye Udaasi

Kailash Kher | Sukanya Purayastha

Длительность: 6:06
Год: 2010
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Текст песни

कैसी है यह उदासी छ्चाई मेरे दिल
कैसी गहरी है यह तन्हाई मेरे दिल
राहों में यादों की खामोशी बरसे
आँखों में जो घूम है आँसू को तरसे
यह बता यह क्यूँ हुवा
बुझ गया क्यूँ हर दिया
कैसी है यह उदासी छ्चाई मेरे दिल

हो जो भी मिला वो खो गया
तुझको पता है, ऐसा ही सदा होता है
जाना ही था वो जो गया
दिल तू अकेला ऐसे क्यूँ भला रोता है
भूले जो है तुझको एब्ब उनको भूल जा तू भी
वरना मेरे साथ यादों के जख्म खा तू भी
मान जा आई दिल मेरे, भूल जा शिकवे गीले
कैसी है यह उदासी छ्चाई

हो तू ही बता आई दिल मेरे
मैने तो हमेशा तेरा ही कहा माना है
क्यूँ है मुझे यह घूम घेरे
मुझे उम्र्र भर क्या बस यहीं सज़ा पाना है
सपने बोए मैने और दर्द मैने है काँटे
गाए गीत मैने और पाए मैने सन्नाटे
आरजू ना कम है, सुनी सी हर शाम है

कैसी है यह उदासी छ्चाई मेरे दिल
कैसी गहरी है यह तन्हाई.