Zindagi Ek Safar Hai Suhana
Kalpathi Gopal
4:19हा हा हा हं हं आ आ हा हा तुम बिन जाऊ कहाँ तुम बिन जाऊ कहाँ के दुनिया में आ के कुछ ना फ़िर चाहा कभी तुमको चाहके तुम बिन जाऊ कहाँ के दुनिया में आ के कुछ ना फ़िर चाहा कभी तुमको चाहके तुम बिन हा हा हा हा हा हा रेह भी सको गे तुम कैसे हो के मुझसे जुदा फट जाएँगी दीवारें सुन के मेरी सदा आना होगा तुम्हें मेरे लिए साथी मेरी सुनी राह के तुम बिन जाऊ कहाँ के दुनिया में आ के कुछ ना फ़िर चाहा कभी तुमको चाहके तुम बिन कितनी अकेले सी पहले थी यही दुनिया तुमने नज़र जो मिलाई बस गई दुनिया दिल को मिली जो तुम्हारी लगन दिये जल गए मेरी आह से तुम बिन जाऊ कहाँ तुम बिन जाऊ कहाँ के दुनिया में आ के कुछ ना फ़िर चाहा कभी तुमको चाहके तुम बिन