Megha
Karan Verma
3:36यूँ अंधेरों के कर्ज चुकाते चले हम राहों में चरागे मोहब्बत जलाते चले हम इश्क में आबाद है इश्क में आबाद है दूर तक राहे वफा में जल उठे चराग है इश्क में आबाद है इश्क में आबाद है इश्क में आबाद है दूर तक राहे वफा में जल उठे चराग है शामें हसीन जागी रातें भी होंगी इश्क में मुलाकातें भी होंगी दिल में दबी मीठी यादें भी होंगी महफिलों में ये बातें भी होंगी आँखें भरी दिल में आहें भी होंगी सूनी डगर तन्हा राहें भी होंगी लब पे बेबस दुआएँ भी होंगी सबकी तुम पर निगाहें भी होंगी इश्क में आबाद है इश्क में आबाद है दूर तक राहे वफा में जल उठे चारों ओर चराग है इश्क में आबाद है इश्क में आबाद है दूर तक राहे वफा में जल उठे चराग