Gham Na Karo Yeh Din

Gham Na Karo Yeh Din

Kavita Krishnamurthy

Альбом: Zor
Длительность: 4:40
Год: 2010
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Текст песни

ग़म न करो
ये ग़म के दिन बीत जायेंगे
बदलेगा फिर
ये मौसम हम गीत गाएंगे

हो ग़म न करो
ये ग़म के दिन बीत जायेंगे
बदलेगा फिर
ये मौसम हम गीत गाएंगे
हम आज हरे है
तो कल जीत जायेंगे
बदलेगा फिर
ये मौसम हम गीत गाएंगे

इस तरह क्यों बैठे हो तुम
ज़िन्दगी से रूठे रूठे
हो इस तरह क्यों बैठे
हो तुम ज़िन्दगी से रूठे रूठे
ये तुम्हे क्या जाने हो गया
सामने है अपनी मंज़िल
थक गए क्यों चलते चलते
होंसला क्यों ऐसे खो गया
हम आज हरे है तो कल जीत जायेंगे
बदलेगा फिर ये मौसम
हम गीत गाएंगे

तुमने देखा मुझको
यु लगा पतझड़ में जैसे
ओ तुमने देखा मुझको ऐसे
यु लगा पतझड़ में जैसे
फूल मेरे दिल में खिल गए
तुमने पकड़ा हाथ मेरा
मिट गया दिल का अँधेरा
चाँद सूरज मुझको मिल गए
ओ ग़म न करो ये गम के
दिन बीत जायेंगे
बदलेगा फिर ये मौसम
हम गीत गाएंगे
हम आज हरे है तो
कल जीत जायेंगे
बदलेगा फिर ये मौसम
हम गीत गाएंगे