Sirf Sunday Ko

Sirf Sunday Ko

Kavita Krishnamurthy

Альбом: Ansh
Длительность: 5:48
Год: 2000
Скачать MP3

Текст песни

चोरी चोरी वो मेरे पास आया
खिड़की के नीचे से मुझको बुलाया
कहने लगा चल मेरे साथ रानी
मैंने कोई बात उसकी ना मानी
फिर उसने पूछा हफ्ते का क्या program है
मिलके बिताएँगे कब एक शाम
तो मैंने कहा

हम्म हम्म हम्म हम्म

करती हूँ मैं तो प्यार सिर्फ sunday को
अरे करती हूँ मैं तो प्यार सिर्फ sunday को
तुम करना मेरा इंतज़ार सिर्फ sunday को
Monday को मुझे बड़ा काम है
एक पल भी ना आराम है
मंगल, बुध को मैं क्या कहूं
मुश्किल बड़ी गुलफ़ाम है

जुम्मे रात जुम्मा फिर बाजार जाऊं
शनिवार को घर में देर से आऊँ
देर से आऊँ बाबा, देर से आऊँ क्यूंकि
करती हूँ मै इक़रार सिर्फ sunday को
तुम करना मेरा इंतज़ार सिर्फ sunday को

ऐसे यहाँ रोज़ मिलने में तो
मुझको मज़ा नहीं आये
हो जाए ना बदनामी कहीं
मेरा तो जी घबराये
ऐसे यहाँ रोज़ मिलने में तो
मुझको मज़ा नहीं आये
हो जाए ना बदनामी कहीं
मेरा तो जी घबराये

माना के तू बेख़याल है
तेरा दीवाना सा हाल है
तेरे मेरे यार दरमियान
रहने दे कुछ दिन की दूरिया
ये बेबसी मेरी जान ले क्यूँ की
करती हूँ मैं दीदार सिर्फ sunday को
तुम करना मेरा इंतज़ार सिर्फ sunday को

लोगों की आँखों से सोलह बरस
मैंने सम्भाली जवानी
कर दूँगी उसके हवाले जो
होगा मेरा दिल जानी
लोगों की आँखों से सोलह बरस
मैंने सम्भाली जवानी
कर दूँगी उसके हवाले जो
होगा मेरा दिल जानी
लाएगा डोली बरात वो
ले जाएगा मुझको साथ वो
मानूँगी ना तेरी बात मैं
हाथों में दूँगी ना हाथ मैं
जा रे जा कहा मेरा मान ले क्यूँ की
करती हूँ आँखें चार हो सिर्फ sunday को
तुम करना मेरा इंतज़ार सिर्फ sunday को

Monday को मुझे बड़ा काम है
एक पल भी ना आराम है
मंगल, बुध को मैं क्या कहूं
मुश्किल बड़ी गुलफ़ाम है
जुम्मे रात जुम्मा फिर बाजार जाऊं
शनिवार को घर में देर से आऊँ
देर से आऊँ बाबा, देर से आऊँ
क्यूंकि करती हूँ मै इक़रार सिर्फ sunday को
तुम करना मेरा इंतज़ार सिर्फ sunday को