Kuchh To Log Kahenge
Kishore Kumar
4:20आ चल के तुझे, मैं ले के चलूँ इक ऐसे गगन के तले जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो बस प्यार ही प्यार पले आ चल के तुझे, मैं ले के चलूँ इक ऐसे गगन के तले जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो बस प्यार ही प्यार पले इक ऐसे गगन के तले सूरज की पहली किरण से, आशा का सवेरा जागे सूरज की पहली किरण से, आशा का सवेरा जागे चंदा की किरण से धुल कर, घनघोर अंधेरा भागे चंदा की किरण से धुल कर, घनघोर अंधेरा भागे कभी धूप खिले, कभी छाँव मिले लम्बी सी डगर न खले जहाँ ग़म भी नो हो, आँसू भी न हो बस प्यार ही प्यार पले इक ऐसे गगन के तले जहाँ दूर नज़र दौड़ाएँ, आज़ाद गगन लहराए लहराए लहराए जहाँ दूर नज़र दौड़ाएँ, आज़ाद गगन लहराए जहाँ रंग-बिरंगे पंछी, आशा का संदेसा लाएँ जहाँ रंग-बिरंगे पंछी, आशा का संदेसा लाएँ सपनों में पली, हँसती हो कली जहाँ शाम सुहानी ढले जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो बस प्यार ही प्यार पले इक ऐसे गगन के तले सपनों के ऐसे जहां में, जहाँ प्यार ही प्यार खिला हो हम जा के वहाँ खो जाएँ, शिकवा न कोई गिला हो कहीं बैर न हो, कोई गैर न हो सब मिलके यूँ चलते चलें जहाँ गम भी न हो, आँसू भी न हो बस प्यार ही प्यार पले आ चल के तुझे, मैं ले के चलूँ इक ऐसे गगन के तले जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो बस प्यार ही प्यार पले इक ऐसे गगन के तले इक ऐसे गगन