Dekha Ek Khwab - Lofi
Kishore Kumar
3:24हे हे हम्म हम्म हम्म ये शाम मस्तानी मदहोश किये जाए मुझे डोर कोई खींचे तेरी और लिए जाए ये शाम मस्तानी मदहोश किये जाए मुझे डोर कोई खींचे तेरी और लिए जाए ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ दूर रहती है तू मेरे पास आती नहीं होठों पे तेरे कभी प्यास आती नहीं ऐसा लगे जैसे के तू हँस के ज़हर कोई पिए जाए ये शाम मस्तानी मदहोश किये जाए मुझे डोर कोई खींचे तेरी और लिए जाए