Kuchh Na Kaho
Kumar Sanu
6:07कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो क्या कहना है क्या सुनना है मुझको पता है तुमको पता है समय का ये पल थमसा गया है और इस पल में कोई नहीं है बस एक मैं हूं बस एक तुम हो कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो कितने गहरे हल्के शाम के रंग है छलक पर्वत से यूँ उतरे बादल जैसे आँचल ढलके कितने गहरे हल्के शाम के रंग है छलके पर्वत से यूँ उतरे बादल जैसे आँचल ढलके और इस पल में कोई नहीं है बस एक मैं हूं बस एक तुम हो कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो सुल्गी सुल्गी सांसें बहकी बहकी धड़कन महके महके शाम के साये पिघले पिघले तनमन सुल्गी सुल्गी सांसें बहकी बहकी धड़कन महके महके शाम के साये पिघले पिघले तनमन और इस पल में कोई नहीं है बस एक मैं हूं बस एक तुम हो कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो क्या कहना है क्या सुनना है मुझको पता है तुमको पता है समय का ये पल थमसा गया है और इस पल में कोई नहीं है बस एक मैं हूं बस एक तुम हो