Aarti Jai Shiv Ji

Aarti Jai Shiv Ji

Kumar Vishu

Альбом: Aartiyan
Длительность: 5:27
Год: 2003
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Текст песни

ओम जय शिव ओंकारा भज जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
अर्धांगी धारा ओम जय शिव ओंकारा
एकानन चतुरानन पंचांनन राजे स्वामी पंचांनन राजे
हंसानन गरुड़ासन हंसानन गरुड़ासन
वृषवाहन साजे ओम जय शिव ओंकारा
दो भुज चारु चतुर्भज
दश भुज अति सोहें स्वामी दश भुज अति सोहें
तीनों रूप निरखते तीनों रूप निरखते
त्रिभुवन जन मोहें ओम जय शिव ओंकारा
अक्षमाला वनमाला रुण्डमाला धारी
हो शिव रुण्डमाला धारी
त्रिपुरारी कंसारी त्रिपुरारी कंसारी करमालाधारी
ओम जय शिव ओंकारा
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघाम्बर अंगें स्वामी बाघाम्बर अंगें
सनकादिक गरुड़ादिक सनकादिक गरुड़ादिक
भूतादिक संगें ओम जय शिव ओंकारा
करमे श्रेष्ठ कमड़ंल चक्र त्रिशूल धरता हो भोले चक्र त्रिशूल धरता
सुखकर्ता दुखहर्ता सुखकर्ता दुखहर्ता
जगपालनकर्ता ओम जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका स्वामी जानत अविवेका
प्रणवाक्षर के मध्य प्रणवाक्षर के मध्य
ये तीनों एका ओम जय शिव ओंकारा
त्रिगुणआरती शिव की जो कोई नर गावें स्वामी प्रेमसहित गावें
केहत शिवानंद स्वामी केहत हरिहर स्वामी
मनवांछित फल पावें ओम जय शिव ओंकारा
ओम जय शिव ओंकारा भज जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
अर्धांगी धारा ओम जय शिव ओंकारा
ओम जय शिव ओंकारा भज जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
अर्धांगी धारा ओम जय शिव ओंकारा
ओम जय शिव ओंकारा भज जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
अर्धांगी धारा ओम जय