Hamare Saath Jab Raghunath

Hamare Saath Jab Raghunath

Kumar Vishwas

Альбом: Apne Apne Ram
Длительность: 6:50
Год: 2022
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Текст песни

हमारे साथ जब रघुनाथ तो किस बात की चिंता?
(हमारे साथ जब रघुनाथ तो किस बात की चिंता?)
शरण में रख दिया जब माथ तो किस बात की चिंता?
(शरण में रख दिया जब माथ तो किस बात की चिंता?)
हमारे साथ जब रघुनाथ तो किस बात की चिंता?

किया करते हो तुम दिन-रात क्यूँ बिन बात की चिंता?
(किया करते हो तुम दिन-रात क्यूँ बिन बात की चिंता?)

तेरे स्वामी को रहती है...
तेरे स्वामी को रहती है तेरी हर बात की चिंता
(तेरे स्वामी को रहती है तेरी हर बात की चिंता)
हमारे साथ जब रघुनाथ तो किस बात की चिंता?
(हमारे साथ जब रघुनाथ तो किस बात की चिंता?)

ना खाने की, ना पीने की, ना मरने की, ना जीने की
(ना खाने की, ना पीने की, ना मरने की, ना जीने की)

रहे हर साँस में...
रहे हर साँस में रघुनाथ के प्रिय नाम की चिंता
(रहे हर साँस में रघुनाथ के प्रिय नाम की चिंता)
हमारे साथ जब रघुनाथ तो किस बात की चिंता?
(हमारे साथ जब रघुनाथ तो किस बात की चिंता?)

विभीषण को अभय वर दे किया लंकेश पल-भर में
(विभीषण को अभय वर दे किया लंकेश पल-भर में)

उन्हीं का, हाँ
उन्हीं का, हाँ
उन्हीं का कर रहे गुणगान तो किस बात की चिंता?
(उन्हीं का कर रहे गुणगान तो किस बात की चिंता?)
हमारे साथ जब रघुनाथ तो किस बात की चिंता?
(हमारे साथ जब रघुनाथ तो किस बात की चिंता?)

शरण में रख दिया जब माथ तो किस बात की चिंता?
(शरण में रख दिया जब माथ तो किस बात की चिंता?)
(हमारे साथ जब रघुनाथ तो किस बात की चिंता?)