Tere Bin
Kunal Ganjawala
5:38क्या पलक क्या झलक, क्या अदा क्या महक ये जमीं या फलक थी कहा ओ तू अब तलक क्या असर क्या लहर, दूर भी तू मगर तू ख्वाब है या कोई जादूगरी तू ख्वाब है या कोई जादूगरी क्या पलक क्या झलक, क्या अदा क्या महक ये जमीं या फलक थी कहा ओ तू अब तलक क्या असर क्या लहर, दूर भी तू मगर तू ख्वाब है या कोई जादूगरी तू ख्वाब है या कोई जादूगरी ये जो महका सा हैं, बंद होठो में वो तो नगमा सा हैं तू ख्वाब है या कोई जादूगरी तू ख्वाब है या कोई जादूगरी सोयी सोयी रातो में जागा मैं रहू खोयी खोयी यादो में सोया मैं रहू हा तुझे मिलके क्या मैं सोचा करू हम्म तेरी इक हां पे मैं जी लू या मरू तुमको भी ये बेचैनिया होती है क्या वोऊ.. तू दुआ अनसुनी, क्यों लगे तू कभी वोऊ.. धुप में चांदनी तू ख्वाब है या कोई जादूगरी तू ख्वाब है या कोई जादूगरी तू जो बोले तारो पे तुझको ले चलू भीगी भीगी आँखों से तुझको चूम लू हां झूठे मुठे वादे मैं ना तुझसे करू हम्म तेरी मेरी चाहत हमारी आबरू होगा कभी अब ख़तम ना ये सिलसिला वोऊ एक लम्हा सा हैं, वोऊ मेरी सांसो में, वोऊ वो तो बहका सा हैं तू ख्वाब है या कोई जादूगरी तू ख्वाब है या कोई जादूगरी