Mangal Ki Sewa (Aarti Kaali Mata Ki)
Lakhbir Singh Lakkha
8:53आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की गले में बैजंती माला बजावै मुरली मधुर बाला श्रवण में कुण्डल झलकाला नंद के आनंद नंदलाला गगन सम अंग कांति काली राधिका चमक रही आली लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक कस्तूरी तिलक चंद्र सी झलक ललित छवि श्यामा प्यारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की कनकमय मोर मुकुट बिलसै देवता दर्शन को तरसैं गगन सों सुमन रासि बरसै बजे मुरचंग मधुर मिरदंग ग्वालिन संग अतुल रति गोप कुमारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की जहां ते प्रकट भई गंगा सकल मन हारिणि श्री गंगा स्मरण ते होत मोह भंगा बसी शिव सीस जटा के बीच हरै अघ कीच चरन छवि श्रीबनवारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की चमकती उज्ज्वल तट रेनू बज रही वृंदावन वेनू चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू हंसत मृदु मंद चांदनी चंद कटत भव फंद टेर सुन दीन दुखारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की