Lag Ja Gale Se Phir
Lata Mangeshkar
4:18मैं तुलसी तेरे आंगन की मैं तुलसी तेरे आंगन की कोई नहीं मैं कोई नहीं मैं कोई नहीं मैं तेरे साजन की मैं तुलसी तेरे आंगन की कोई नहीं मैं कोई नहीं मैं कोई नहीं मैं तेरे साजन की मैं तुलसी तेरे आंगन की मैं तुलसी द्वार पड़े पड़े तरस गई आज उमड़ कर बरस गई द्वार पड़े पड़े तरस गई आज उमड़ कर बरस गई प्यासी बदली सावन की मैं तुलसी तेरे आंगन की मैं तुलसी मांग तेरी सिन्दुर भी तेरा सब कुछ तेरा कुछ नहीं मेरा मांग तेरी सिन्दुर भी तेरा सब कुछ तेरा कुछ नहीं मेरा मोहे सौगन्ध तेरे अँसुअन की मैं तुलसी तेरे आंगन की मैं तुलसी काहे को तू मुझसे जलती है काहे को तू मुझसे जलती है ए री मोहे तो तू लगती है कोई सहेली बचपन की मैं तुलसी तेरे आंगन की कोई नहीं मैं कोई नहीं मैं कोई नहीं मैं तेरे साजन की मैं तुलसी तेरे आंगन की मैं तुलसी तेरे आंगन की