Yeh Raat Bheegi Bheegi

Yeh Raat Bheegi Bheegi

Lata Mangeshkar, Manna Dey

Длительность: 4:39
Год: 2005
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Текст песни

ये रात भीगी भीगी ये मस्त फिजाये
उठा धीरे धीरे वो चाँद प्यारा प्यारा

ये रात भीगी भीगी ये मस्त फिजाये (आ आ आ)
उठा धीरे धीरे वो चाँद प्यारा प्यारा (आ आ आ)

क्यूँ आग सी लगा के गुमसुम है चांदनी
सोने भी नहीं देता मौसम का ये इशारा

इठलाती हवा नीलम सा गगन
कलियों पे ये बेहोशी की नमी
ऐसे में भी क्यों बेचैन है दिल
जीवन में न जाने क्या है कमी

क्यूँ आग सी लगा के गुमसुम है चांदनी
सोने भी नहीं देता मौसम का ये इशारा

ये रात भीगी भीगी ये मस्त फिजाये
उठा धीरे धीरे वो चाँद प्यारा प्यारा

जो दिन के उजाले में ना मिला
दिल ढूंढें ऐसे सपने को
इस रात की जगमग में डूबी
मैं ढूंढ रही हूँ अपने को

ये रात भीगी भीगी ये मस्त फिजाये
उठा धीरे धीरे वो चाँद प्यारा प्यारा

क्यूँ आग सी लगा के गुमसुम है चांदनी
सोने भी नहीं देता मौसम का ये इशारा

ऐसे में कहीं क्या कोई नहीं
भूले से जो हमको याद करे

एक हल्की सी मुस्कान से जो
सपनों का जहां आबाद करे

ये रात भीगी भीगी ये मस्त फिजाये
उठा धीरे धीरे वो चाँद प्यारा प्यारा

क्यूँ आग सी लगा के गुमसुम है चांदनी
सोने भी नहीं देता मौसम का ये इशारा

ये रात भीगी भीगी ये मस्त फिजाये (ये रात भीगी भीगी ये मस्त फिजाये)
उठा धीरे धीरे वो चाँद प्यारा प्यारा (उठा धीरे धीरे वो चाँद प्यारा प्यारा)