Kuhu Kuhu Bole Koyalia

Kuhu Kuhu Bole Koyalia

Lata Mangeshkar, Mohammed Rafi

Длительность: 6:28
Год: 1952
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Текст песни

आ आ आ आ
कुहू कुहू बोले कोयलिया
कुहू कुहू बोले कोयलिया
कुंज कुंज में भवरे डोले
गून गून बोले
आ आ आ
कुहू कुहू बोले कोयलिया
सझ सिंगार ऋतु आयी बसंती आ आ आ
सझ सिंगार ऋतु आयी बसंती
आ आ आ आ

जैसे नार कोई हो रसवंती
सा नी द म द नी सा
ग म ग म द नी सा
रे सा नि ड़ा नि सा रे (रे सा नि ड़ा नि सा रे)
सा नि सा रे सा नि (सा नि सा रे सा नि)
दा नि नि ड़ा नि नि ड़ा नि (दा नि नि ड़ा नि नि ड़ा नि)
म द ड म ड ड म द (म द ड म ड ड म द)
सा रे गा मा ध न (सा रे गा मा ध न)

सझ सिंगार ऋतु आयी बसंती
जैसे नार कोई हो रसवंती
डाली डाली कलियों को (डाली डाली कलियों को)
तितलियाँ चूमे (तितलियाँ चूमे)
फूल फूल पंखुड़ियां खोले (फूल फूल पंखुड़ियां खोले)
अमृत घोले आ आ आ (अमृत घोले आ आ आ)
कुहू कुहू बोले कोयलिया

काहे काहे घटा में बिजली चमकी
काहे घटा में बिजली चमकी

हो सकता है मेघराज ने
बादरियां का श्याम श्याम मुख
चूम लिया हो
हो सकता है मेघराज ने
बादरियां का श्याम श्याम मुख
चूम लिया हो
चोरी चोरी मन पंछी उड़े (चोरी चोरी मन पंछी उड़े)
नैना जुड़े आ आ आ (नैना जुड़े आ आ आ)
कुहू कुहू बोले कोयलिया
कुहू कुहू बोले कोयलिया
कुंज कुंज में भवरे डोले
गून गून बोले आ आ
कुहू कुहू बोले कोयलिया

आ आ आ आ आ
चन्द्रिका देख छायी
पिया
चंद्रिका देख छाई

चंदा से मिल के मन ही
मन में मुस्काई
छायी चन्द्रिका देख छाई

सरद सुहावन मधुमन भावन
सरद सुहावन मधुमन भावन

वरहीजनों का सुख सर्पावन
वरहीजनों का सुख सर्पावन
छाई छाई पूनम की छटा (छाई छाई पूनम की छटा)
घूंघट हटा आ आ आ (घूंघट हटा आ आ आ)
कुहू कुहू बोले कोयलिया

आ आ आ आ आ
सरस रात मन भाए प्रियतमा
कमल कमल नी मिले ए ए ए
सरस रात मन भाए प्रियतमा
कमल कमल नी मिले ए ए ए
सरस रात मन भाए

किरण हार दम के
जल में चांद चमके
मन सानंद आनंद डोले
मन सानंद आनंद डोले (मन सानंद आनंद डोले)

रे सा नि ड़ा नि सा रे
सा नि सा रे सा नि
दा नि नि ड़ा नि नि ड़ा नि
म द निसा नी रे नी रे
धा नी धा नी म ध म ध
ग म ग म द नी सा
ग म ग म द नी सा
द नी सा