Saudagar Sauda Kar
Manhar Udhas, Kavita Krishnamurthy, Sukhwinder Singh
7:50जब तक ग़म के पर्वत अपनी जगह से हिल न जाए और हम मिल न जाए कोई फर्याद ना करना तू मुझको याद ना करना तू मुझको याद ना करना हाय क्या करू होठों पे फर्याद आती हैं नहीं रूकती नहीं रूकती तेरी याद आती हैं तेरी याद आती हैं जब तक अपने अरमानों के गुलशन खिल न जाए और हम मिल ना जाए नींदें बर्बाद ना करना तू मुझको याद ना करना तू मुझको याद ना करना हाय क्या करू होठों पे फर्याद आती हैं नहीं रूकती नहीं रूकती तेरी याद आती है तेरी याद आती हैं तेरी याद आती हैं आ आ आ आ आ हाय आगा लगे रस्मों को मैं तोड़ दूं सब कसमों को बस गिनती जा तू ज़ख्मों को जितने ज़ख़्म लगे हैं जब तक सारे सिल न जाए और हम मिल ना जाए कोई फर्याद ना करना तू मुझको याद ना करना तू मुझको याद ना करना हाय क्या करू होठों पे फर्याद आती हैं नहीं रूकती नहीं रूकती तेरी याद आती हैं तेरी याद आती हैं तेरी याद आती हैं प्रेम हैं कोई रोग या जोगी का जोग प्यार के दुश्मन लोग ओ ओ आ आ ओ ओ प्रेम हैं कोई रोग या जोगी का जोग प्यार के दुश्मन लोग जब तक काँटों पे चलते यह पाँव छिल न जाए और हम मिल ना जाए कोई फर्याद ना करना तू मुझको याद ना करना तू मुझको याद ना करना हाय क्या करू होठों पे फर्याद आती हैं नहीं रूकती नहीं रूकती तेरी याद आती हैं तेरी याद आती हैं तेरी याद आती हैं तेरी याद आती हैं तेरी याद आती हैं (तेरी याद आती हैं) रु रु रु रु रु हो हो हो हो आ आ आ आ हो हो हो हो रु रु रु रु रु